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PM मोदी ने खरखौदा में मारुति-सुजुकी के प्लांट की रखी नींव, भारत और जापान के रिश्ते होंगे मजबूत

मारुति-सुजुकी के प्लांट की आधारशिला समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का संबोधन, बोले- हरियाणा के लोगों के लिए महत्वपूर्ण दिन, हरियाणा और खासकर खरखौदा एवं आसपास के लोगों के लिए होगा बड़ा लाभ. 40 साल पहले गुरुग्राम में मारुति सुजुकी के आने से वहां का विकास संभव हुआ

 
Narendra Modi,  maruti Suzuki

Maruti Suzuki: सुजुकी कंपनी ने भारत में अपने 40 साल पूरे कर लिए हैं. इस खास मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के हंसलपुर से इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट और  हरियाणा के खरखौदा में पैसेंजर व्हींकल प्लांट की नींव रखी. सुजुकी कंपनी ने EV प्लांट के लिए 10 हजार करोड़ निवेश का बड़ा फैसला लिया है.

सुजुकी साल 2025 से इलेक्ट्रिक व्हीकल का प्रोडक्शन शुरू कर सकती है. मारुति सुजुकी ने साल 1981 में उद्योग लिमिटेड की स्थापना की थी. इसके बाद 1982 में जापानी ऑटोमेकर सुजुकी ने मारुति के साथ ज्वाइंट वेंचर स्थापित किया और 40 सालों से सुजुकी देश का सबसे पसंदीदा ब्रांड बना हुआ है.

भारत के साथ जापान का पुराना रिश्ता

खरखौदा में पैसेंजर व्हींकल प्लांट की नींव रखने के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि- मारुति सुजुकी की सफलता भारत और जापान के बीच मजबूत पार्टनरशिप को भी दिखाता है. पिछले आठ सालों में यह पार्टनरशिप और मजबूत होगी. भारत बहुत तेजी से इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ बढ़ रहा है. सरकार भी इंसेंटिव की मदद से इस मुहिम में पुरजोर तरीके से मदद कर रही है. गुजरात में सुजुकी के अलावा 125 और जापानी कंपनियां हैं.

सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के प्रेसिडेंट और सीईओ Mr. T. Suzuki ने कहा कि- वह एक और कंपनी भारत में लॉन्च करने जा रहे हैं जिसका नाम सुजुकी रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर इंडिया है. यह पूरी तरह सुजुकी जापान की पूरी तरह ओन्ड कंपनी है. देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) घरेलू बाजार में 50 फीसदी हिस्सेदारी फिर हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है.

कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक आर सी भार्गव ने कहा कि- मारुति ‘पीछे नहीं हटेगी’ और 50 फीसदी बाजार हिस्सेदारी फिर हासिल करने के लिए संघर्ष करेगी. मारुति देश में अपने परिचालन के 40 साल पूरे होने का जश्न मना रही है. बीते वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी घटकर 43.38 फीसदी रह गई, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 51.21 फीसदी के शिखर पर थी.